बोझ / Burden ( Part - l )
4
June 29, 2023
कोई रिश्ता हो या जिम्मेदारी हमें तब तक बोझ नहीं लगते जब तक हम उन्हें दिल से निभाते हैं। लेकिन जिस दिन हमारे दिल और दिमाग ने किसी रिश्ते या जिम्मेदारी को स्वीकारने से मना कर दिया उसी दिन से वो चीज हमें बोझ महसूस होने लगती है।
आप सभी को ईद - अल - अधा मुबारक हो। आज के मुबारक दिन फातिमा खुद को एक बोझ से आज़ाद करके बहुत सुकून महसूस कर रही है। कैसा बोझ था फातिमा के दिल पर जिसने उसकी सुकून भरी जिंदगी को जहन्नुम बना दिया था।
बेसबब कोई आपसे रिश्ता तोड़ ले तो आप अपनी ही नजरों में गुनहगार बन जाते हो। हर वक्त बस यही मलाल रहता है कि जाने वाला एक बार तो बताता कि कसूर क्या था, क्यों ये सजा मिली।
फातिमा और अनीस के निकाह को तेरह साल हो गए। उनके चार बच्चे है, बड़ा बेटा अनवर, बेटी फरजाना और छोटे बच्चे जुड़वा बेटियां है समीना और तैमीना, ये अभी पांच साल की है। बारह साल की उम्र में अनवर पर पूरे घर की जिम्मेदारी है, अपाहिज मां का एक ही सहारा है।
क्या फातिमा जन्म से अपाहिज है ? नही ! समीना और तैमीना के जन्म से पहले फातिमा और अनीस अपनी रिश्तेदारी में किसी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। वापस लौटते समय उनकी मोटर साइकिल को पीछे से आ रहे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिसमे फातिमा को बहुत ज्यादा चोटें आई और दुर्घटना के बाद से उसके पैरों में हरकत होना बंद हो गई।
अनीस को मामूली चोटें आईं थीं, फातिमा के प्रसव का समय भी नजदीक था, तो अनीस बहुत ध्यान रख रहा था फातिमा का। अनीस का इतना प्यार देखकर फातिमा बहुत निश्चिंत थी भविष्य के लिए। उसे अब ये भी दुःख नही था कि दुर्घटना में उसके पैर बेकाम हो गए हैं।
ख़ैर ! फातिमा ने जुड़वा बच्चियों को जन्म दी और कुछ दिनों बाद अस्पताल से घर आ गई। दो दो नवजात बच्चों की देखभाल करना फातिमा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। क्योंकि वो तो खुद ही अपनी छोटी से छोटी जरूरत के लिए दूसरों पर निर्भर थी।
मुश्किल दौर में फातिमा ने अपनी मदद के लिए चचेरी बहन शहनाज को बुलवा ली। शहनाज के पति की मौत के बाद से अपनी एक बेटी के साथ शहनाज उसकी मां के साथ ही रहती थी। शहनाज के आने से फातिमा को बहुत राहत मिली। लेकिन एक अजीब बात ये भी देखी फातिमा ने कि शहनाज के आने के बाद से अनीस अब तीन चार बार घर आता है बच्चों को देखने के बहाने से।
जबकि वो तो फातिमा की कोई मदद नहीं कर रहा था बच्चों की देखरेख में ........
आगे क्या हुआ जानने के लिए अगला अंक जरूर पढ़ें 😥😥
Be it any relationship or responsibility, we do not feel burdened until we fulfill them from the heart. But the day our heart and mind refuse to accept any relationship or responsibility, that day we start felling a burden.
Happy Eid - al - Adha to all of you. On this happy day, Fatima is feeling very relieved to have freed herself from a burden. What a burden was on Fatima's heart, which had turned her peaceful life into hell.
If someone breaks the relationship with you unnecessarily, you become guilty in your own eyes. The only regret that remains all the time is that the person who left should have told once what was the fault and why he was punished.
Fatima and Anees have been married for thirteen years. They have four children, elder son Anwar, daughter Farzana and younger twin daughters Samina and Taimina, who are now five years old. At the age of twelve, Anwar has the responsibility of the entire household. There is only one support for a handicapped mother.
Is Fatima handicapped from birth ? No ! Before the birth of Samina and Taimina, Fatima and Anees had gone to attend some function in their kinship. While returning, his motorcycle was hit by an unknown vehicle coming from behind, in which Fatima suffered severe injuries and lost movement in her legs after the accident.
Anees had minor injuries, the time of Fatima's delivery was also near, so Anees was taking great care of Fatima. Seeing so much love from Anees, Fatima was very relaxed for the future. He was not even sad anymore that his legs had become useless in the accident.
Well ! Fatima gave birth to twin girls and came home from the hospital a few days later. Taking care of two newborn children was no less than a challenge for Fatima. Because she herself was dependent on others for her smallest needs.
In difficult times, Fatima called her cousin Shahnaz for her help. After the death of Shahnaz's husband, Shahnaz used to live with her mother along with greatly relieved by Shahnaz's arrival. But Fatima also noticed a strange thing that after Shahnaz's arrival, Anees comes home three to four times on the pretext of seeing the children.
While he was not helping Fatima in the care of the children..😥😥
To be continued........
Tags
Very good 👍
ReplyDeleteThank you so much 😊
DeleteVery nice ☺️
ReplyDeleteThanks Poisonous ☺️
Delete