कौन हो आप ? / Who are you ? ( Part - ll )
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June 18, 2023
पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार अन्य विषय की जानकारी भी मिले इस
बात का विधि पूरा ख्याल रखती थी। विधि इतनी व्यस्त हो गई थी कि उसे पता नहीं चला कि
विक्रम के बगैर दो साल कैसे बीत गए। लेकिन विक्रम के जीवन में बहुत कुछ ऐसा घट गया
जिसने उसकी जिंदगी में सब कुछ बदल दिया था। विक्रम जिस कंपनी में काम करता था उसका
मालिक विक्रम को बहुत पसंद करता था और चाहता था कि भविष्य में विक्रम उसकी कंपनी का
मालिक बने, उसकी बेटी से शादी करके। लेकिन विक्रम कोई भी फैसला मां से पूछे बगैर
नहीं करना चाहता था। फिर ये उसकी जिंदगी का सबसे अहम फैसला था।
कुछ दिनों तक विक्रम टालता रहा, लेकिन मालिक बोले अब तुम भारत जा रहे हो अपनी मां
से मिलने तो मैं तुम्हें भारत की कंपनी का मैनेजर बनाकर भेज रहा हूं। अब तुम वहीं
रहकर काम संभालना, तुम्हारे रहने के लिए बंगला और गाड़ी सब सुविधा कंपनी की तरफ से
तुम्हे दी जाती है। मेरी बेटी रोहिणी भी तुम्हारे साथ भारत जायेगी और वहां काम में
तुम्हारी मदद करेगी। तुम दोनो साथ रहोगे तो एक दूसरे को समझ पाओगे। विक्रम को ये
बात बिल्कुल पसंद नहीं आई लेकिन वो कुछ बोल ना सका। यहां विधि बेसब्री से बेटे के
आने का इंतज़ार कर रही थी क्योंकि विधि ने अपनी कंपनी खोली है ये विक्रम के लिए
आश्चर्य की बात थी। विधि अपनी सफलता और मेहनत विक्रम को दिखाकर, उसकी प्रतिक्रिया
खुद देखना चाहती थी। कल विधि के लिए बहुत खुशी का दिन है, विदेश से विक्रम आ रहा है
और विधि को एक सामाजिक संस्था द्वारा सम्मानित किया जाने वाला है। दोहरी खुशी के
साथ विधि विमानतल पहुंच गई विक्रम को लेने। विक्रम भी मां को खुशखबरी देना चाहता था
कि अब वो वापस विदेश नही जायेगा। लेकिन विक्रम थोड़ा परेशान भी है कि साथ में
रोहिणी को देखकर मां क्या सोचेगी।
ख़ैर ! समय पर विधि पहुंच गई विक्रम को लेने। यहीं से एक घंटे बाद विधि को भी
हिमाचल प्रदेश जाना था। जल्दबाजी में विधि अपना फोन गाड़ी में ही भूल गई। इधर
विक्रम मां को परेशान करने की तरकीबें सोच रहा था ! उसने ठान लिया कि मां जिस बात
से सबसे ज्यादा चिढ़ती है वो उन्हें वही कहेगा, ताकि मां उसके कान खींचे।
थोड़ी देर में विक्रम मां के सामने था और उसने तपाक से मां से कहा - कौन हो आप ? इस
बार विधि को विक्रम का ये मजाक बिल्कुल अच्छा नही लगा। विक्रम सीधे गाड़ी के पास
जाकर रुका, उसे लग रहा था कि मां ( विधि ) उसके पीछे पीछे आएगी उसके कान खींचकर
थप्पड़ लगाने के लिए। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, विधि अपने गंतव्य के लिए रवाना हो
गई। विक्रम अपने नए बंगले पर आ गया और लगातार मां से बात करने की कोशिश कर रहा था
लेकिन अब फोन पर घंटी भी नहीं जा रही थी। विक्रम परेशान हो गया, अपने द्वारा कहे गए
शब्द अब उसे चुभ रहे थे। विक्रम अफसोस कर रहा था कि उसने मां को ऐसे शब्द क्यों
कहे, जिससे वो नाराज हो गई।
विधि को गए हुए छह दिन हो गए, विक्रम ने घर से जाकर देखा जहां वो मां के साथ रहता
था, वहां दरवाजे पर बड़ा सा ताला लटक रहा था। तभी पीछे से आवाज आई - कौन हो आप ?
विक्रम ने मुड़कर देखा सामने मां खड़ी थी वो गले लग गया और रोने लगा। बोला मुझे माफ
कर दो मां आपको दोबारा ये शब्द कभी नही कहूंगा। लेकिन मुझसे आप कभी नाराज मत होना।
विधि ने विक्रम के कान खींचते हुए कहा कि कहां है मेरी बहू। उसके सामने तो तुम बहुत
हीरो बन रहे थे। विक्रम मुस्कुराते हुए बोला अरे मां ! वो तो पहले ही किसी और की हो
चुकी थी। ये बात रोहिणी ने मुझे हवाई जहाज में बताई, और उसके पापा से बात करने की
जिम्मेदारी भी मुझे ही दे दी उसने। ओह ! और तुम्हारी जिम्मेदारी ? विक्रम हंस पड़ा
और बोला मां वो तो हमेशा आप पर ही है। मां की सफलता पर विक्रम बहुत खुश हुआ। आप
हमेशा मेरी प्रेरणा हो मां, आपने मुझे हमेशा मेहनत करना सिखाया और अपने
कार्यक्षेत्र में सफल होने का सबक भी आपसे ही मिला है मुझे। विक्रम की बातें सुनकर
विधि की आंखों में आसूं आ गए। आज विधि अपने जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा में सफल हो
गई, उसने विक्रम को उस मुकाम पर पहुंचा दी जिसकी उसे चाह थी। विधि ने विक्रम के लिए
जितने सपने देखे थे सब सच हुए। ☺️☺️
Vidhi was so busy that she did not realize how two years passed without Vikram.
But something happened in Vikram's life that changed everything in his life. The
owner of the company in which Vikram worked liked Vikram a lot and wanted Vikram
to become the owner of his company in future by marrying his daughter. But
Vikram did not want to. take any decision without asking his mother. Then this
was the most important decision of his life.
Vikram kept avoiding for a few
days, but the owner said that now you are going to India to meet your mother, so
I am sending you as the manager of the company in India. Now you stay there and
take care of the work, for your stay bunglow and car all the facilities are
given to you by the company. My daughter Rohini will also accompany you to India
and help you in your work there. If you both stay together, you will be able to
understand each other. Vikram did not like this thing at all, but he could not
say anything. Here Vidhi was eagerly waiting for the son to come. It was a
surprise for Vikram as Vidhi opened her own company. Vidhi wanted to see
Vikram's reaction by showing his success and hard work. Tomorrow is a very happy
day for Vidhi, Vikram is coming from abroad and Vidhi is going to be felicitated
by a social organisation. With double happiness,
Vidhi reached the airport to
pick up Vikram. Vikram also wanted to give good news to his mother that now he
will not go back abroad. But Vikram is also a little worried as to what the
mother would think seeing Rohini together. Well ! Vidhi reached on time to pick
up Vikram, Vidhi had to go to Himachal Pradesh after an hour from here. In
haste, Vidhi forgot her phone in the car itself. Here Vikram was thinking of way
to troubles his mother. He decided that the thing that irritates his mother the
most, he would tell them the same thing.
In a while Vikram was in front of his
mother and he said to his mother with fervor, Who are you ? This time Vidhi did
not like Vikram's joke at all. Vikram went straight to the car and stopped,
feeling that mother ( Vidhi ) would follow him to slap him by pulling his ears.
But this time it did not happen, Vidhi left for her destination. Vikram came to
his new bungalow and was continuously trying to talk to his mother but now the
phone was not even ringing. Vikram was upset, the words he had said were now
stinging him. Vikram was regretting that why did he say such words to his
mother, which made her angry.
It's been six days since Vidhi went. Vikram went
to the house where he lived with his mother and saw a big lock hanging on the
door, That's why a voice came from behind, Who are you ? Vikram turned and saw
mother standing in front of him, he hugged and started crying, ssaid forgive me
mother, I will never say these words to you again. But don't ever be angry with
me.
Vidhi pulled Vikram's ear and said where is my daughter - in - law. You were
becoming a hero in front of him. Vikram said with a smile, Oh mother ! She had
already belonged to someone else. Rohini told me this thing in the aeroplane ,
and she also gave me the responsibility of talking to her father. Oh ! And your
responsibility ? Vikram laughed and said mother he is always on you. Vikram was
very happy on the success of his mother. You always my inspiration mother, you
always taught me to work hard and I got the lesson of being successful in my
field only from you.
Vidhi's eyes welled up with tears after listening to
Vikram's words. Today Vidhi succeeded in the biggest test of her life. He
brought Vikram to the point he desired. All the dreams Vidhi had for Vikram came
true. ☺️☺️
Good my dear
ReplyDeleteThank you so much 😊
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DeleteVery good 👍 👏
ReplyDeleteThank you so much 😊
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