कौन हो आप ? / Who are you ? ( Part - l )
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June 08, 2023
असीमित प्रेम का भंडार है मां। उसके प्रेम और संघर्ष को लिखने के लिए शब्द कम पड़ जाते है। एक मां का बच्चे के लिए संघर्ष और बलिदान तभी से शुरू हो जाता है जब एक स्त्री गर्भवती होती है।
अपने बच्चे की पसंद नापसंद का ख्याल एक मां उसके गर्भावस्था से ही रखना शुरू कर देती है। बच्चा स्वस्थ हो इसके लिए कई चीजों को खाना छोड़ देती है, मां का प्रेम और बलिदान अतुलनीय है।
आज मैं आपको एक ऐसी मां की कहानी बताऊंगी जिसने अकेली ही अपने बेटे का पालन पोषण की और उसे एक मुकाम तक पंहुचाई। बेटा उसकी मां को जितना प्यार करता था उतना ही सम्मान भी था उसके दिल में मां के लिए।
हमारे पड़ोस में एक महिला रहने आई है, उसके साथ तीन साल का बच्चा भी है। महिला को देखकर ये कहना थोड़ा मुश्किल है कि वो विधवा है तलाकशुदा या कुछ और बात है। एक दो दिन में ही वो सबसे घुल मिल गई। उसका व्यवहार बहुत अच्छा था लेकिन वो कहां से आई है, उसका अतीत क्या है ये बात उसने किसी को नहीं बताई।
पूछने पर बस यही बताती थी कि मेरा बेटा ही मेरा सब कुछ है, उसके अलावा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है। कई दिनों तक उसका और उसके बेटे का नाम भी नहीं पता था हमे। क्योंकि वो उसके बेटे को हमेशा बेटू कहकर ही पुकारती थी। एक दिन उसका कोई पार्सल आया तब पता चला कि नई पड़ोसन का नाम विधि सिंह है।
अब विधि यहां सामान्य तरीके से अपने बच्चे के साथ रह रही थी। वो अकेली थी लेकिन कभी किसी काम के लिए किसी से सहयोग नहीं लेती थी। उसे देखकर यही लगता था कि विधि ने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करके रखी है और उसका एक ही लक्ष्य था बेटे को अच्छी शिक्षा मुहैय्या कराना और उसे अच्छा जीवन देना।
बहुत मेहनती थी विधि, हमेशा कुछ नया सीखकर उसे अपने जीवन में उतारती थी। विधि के बेटे का नाम विक्रम था वो बहुत गंभीर दिखाई देता था, उसे देखकर लगता था जैसे पता नहीं इसके अंदर कितने सवाल है, जिनके जवाब ये तुरंत चाहता है। बच्चों में बहुत लोकप्रिय था विक्रम, क्योंकि वो सभी से बहुत विनम्रता से बात करता था।
संघर्षों से जूझती हुई विधि अपने बेटे के साथ जीवन में आगे बढ़ रही थी। विक्रम भी मां की मेहनत को सफल करने के लिए मन लगाकर पढ़ाई करता था और अच्छे अंक लाकर मां को खुश कर देता था।
विधि का एक ही सपना था कि विक्रम पढ़ाई के बाद विदेश में नौकरी करे। विक्रम मां की हर इच्छा को पूरा करना चाहता था, पढ़ाई के दौरान ही उसने नौकरी के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया। विक्रम की मेहनत उसे सफलता तक ले गई और उसे एक कंपनी में अच्छी नौकरी मिल गई।
जिस कंपनी में विक्रम को नौकरी मिली थी उसका मालिक भी भारतीय था। विक्रम को एक हफ्ते हफ्ते का समय दिया गया अपना पदभार संभालने के लिए। विधि का सपना तो सच हुआ लेकिन अब वो उदास है ये सोचकर कि विक्रम के जाने के बाद वो अकेली रह जायेगी। विक्रम हमेशा कहता था देखना मां जब मैं विदेश चला जाऊंगा तब आपसे पूछूंगा कौन हो आप ? इस बात पर दोनो मां बेटे खूब हंसते थे।
विक्रम ने जाने से पहले मां को बहुत सारी हिदायतें दी। मां ( विधि ) भी उसकी हर बात पर हां में सिर हिला रही थी। बेटे को विदा करते हुए विधि बोली विक्रम अपना ध्यान रखना बेटे और तू ये शब्द सच मत कर देना कि कौन हो आप ? विक्रम बोला क्या मां मजाक भी नहीं समझती हो। आप मेरे लिए सब कुछ हो, मेरी दुनिया हो आप मां।
विक्रम के जाने के बाद विधि ने अपने अकेलेपन का लाभ ली और जिन कामों को वो शौक से कुछ समय निकालकर करती थी। उन पर पूरा ध्यान दी और मेहनत से उस काम को बढ़ाने में लग गई। विधि का काम पसंद किया जाने लगा तो विधि को काम समय पर करने के लिए सहयोगियों की आवश्यकता पड़ी।
इस तरह विधि ने अपने फैशन डिजाइनिंग के काम को बड़े स्तर तक ले गई और दो सालों में ही उसने अपनी एक कंपनी खोल ली। जिसमें उसके हजारों कर्मचारी थे, जिनके परिवारों में विधि बहुत लोकप्रिय थी क्योंकि वो अपने बुरे दिनों को याद करके ये सीखी थी कि किसी जरूरतमंद बच्चे की पढ़ाई में किसी तरह से कोई रुकावट ना आए। इसलिए विधि उसकी कंपनी के कर्मचारियों के बच्चों की प्रतिभा को निखारने की तरफ भी ध्यान देती थी। पढ़ाई के साथ साथ बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार अन्य विषय की जानकारी भी मिले इस बात का विधि पूरा ख्याल रखती थी।
शेष अगले अंक में 😊😊
Mother is the storehouse of infinite love. Words fall short to describe her love and struggle. The struggle and sacrifice of a mother for the child starts only when a woman is pregnant.
A mother starts taking care of her child's likes and dislikes right from her pregnancy. For the child to be healthy, she gives up eating many things the love and sacrifice of a mother is incomparable.
Today I will tell you the story of a mother who raised her son single - handedly and made him reach a point. The more the son loved his mother, the more respect he had for the mother.
A woman has come to live in our neighborhood, she has a three - years - old child with her. It is a difficult to say by looking at a woman whether she is a widow, a divorcee or something else. Within a day or two, she got mixed up with everyone. Her behaviour was very good, but she didn't tell anyone where she came from, what her past was.
When asked, she used to tell that my son is my everything, apart from him I have no one in this world. We didn't even know his and his son's name for many days. Because she always used to call her son as Betu. One day a parcel came to her, then it was known that the name of the new neighbour is Vidhi Singh.
Now Vidhi was living here in a normal way with her child. She was alone but never took help from anyone for any work. Seeing him, it seemed that Vidhi had set a goal for her life, and her only goal was to provide good education to her son and give him a good life.
Vidhi was very hardworking, she always used to learn something new and implement it in her life. Vidhi's son's name was Vikram, he was of a very gentle nature,, looking at him, it seemed as if he had so many questions in his mind, whose answer he wanted immediately. Vikram was very popular among children because he used to talk very politely to everyone.
Battling through the struggles, Vidhi was moving forward in life with her son. Vikram also used to study diligently to make his mother's hard work successful and make his mother happy by scoring good marks.
Vidhi had only one dream that Vikram should get a job abroad after his studies. Vikram wanted to fulfill every wish of his mother, while studying he started trying for a job. Vikram's hard work took him to success and he got a good job in a company.
The owner of the company in which Vikram got the job was also an Indian. Vikram was given a week's time to take charge. Vidhi's dream came true but now she is sad thinking that she will be left alone after Vikram's departure. Vikram always used to say, look mother, when I go abroad, I will ask you, Who are you ? Both mother and son used to laugh a lot on this matter.
Vikram gave many instructions to the mother before leaving. Mother ( Vidhi ) also nodding yes to everything he said. Bidding farewell to the son,Vidhi said take care of yourself so , and don't make these words true that Who are you ? Vikram said, don't you even understand the joke mother ! You are my everything you are my world mom.
After Vikram's departure, Vidhi took advantage of her loneliness and did the things she used to do by taking some time out of her hobby. Gave full attention to them and started working hard to increase that work. Vidhi's work started being liked, so Vidhi needed colleagues to do the work on time.
In this way Vidhi took her fashion designing work to s bigger level and within two years she opened her own company. In which she had thousand of employees in whose families Vidhi was very popular because she remembered her bad days and learned that there should be no hindrance in the education of a needy child in any way. That's why Vidhi also paid attention to the development of the talents of the children of the employees of her company. Along with studies, Vidhi used to take full care that the children should get information about other subjects as per their interest.
To be continued........
Intersting stori
ReplyDeleteThank you so much 😊
DeleteSo good very nice story
ReplyDeleteThank you so much 😊
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