
बस इतना सा / Just this much
June 30, 2025
हम मनुष्यों की ये स्वभाविक प्रवृत्ति होती हैं शिकायत करने की, कभी किसी को संतुष्ट नहीं देखी मैंने। कोई न कोई कमी तो सभी…
हम उम्र बढ़ने के साथ - साथ खुद को समझदार और परिपक्व समझने लगते हैं। हम सोचने लगते हैं कि हमसे किसी प्रकार की चूक नहीं ह…
हमने बचपन से आज तक यही देखे सुने है कि जो जन्म देती हैं पालती पोषती है वही मां होती हैं। लेकिन हर औरत में एक मां मिलेगी…
कभी आपने भी अपनी किसी खास इच्छा की पूर्ति के लिए कहीं न कहीं मन्नत जरूर मांगी होगी। वो पूरी हुई हो या ना हुई हो लेकिन ए…