रेत से फिसलते पल / Slip through the sand
कौन वक्त को रोक या बांध सका है। कब हम अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीते हैं। बस हम एक कठपुतली की तरह किसी अनदेखे धागे से…
July 29, 2021कौन वक्त को रोक या बांध सका है। कब हम अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीते हैं। बस हम एक कठपुतली की तरह किसी अनदेखे धागे से…
समय अच्छा हो या बुरा, हर हाल में समझौता ही करना है हर किसी को। कहीं दो वक्त की रोटी के लिए समझौता तो कहीं पल भर की खुशी…
सारी रात सरला सो नहीं सकी। बस यही सोचती रही कि जिस परिवार के लिए अपना सारा जीवन और सारे सपने समर्पित कर दिए , जिस पति क…
ये कहानी है सुमन को, सुमन का नाम लेते ही उसकी यादें महक उठती है। स्कूल की पढ़ाई सुमन ने और मैंने साथ ही की थी। वो एक खु…
एक - एक दिन कम होती ज़िंदगी घुटन को बढ़ा रही है। जैसे ही सब ठीक होने का भ्रम होता है, एक नई समस्या का तानाबाना सामने आ…
शुभम....... शुभम सुनो! सुनो तो..? आजकल बात बात पर बिफर क्यों जाता है शुभम। लीना किसी भी हाल में अपना रिश्ता बचाना चाहती…
ज़िंदगी भी अजीब रंग दिखाती है। सच कहूं तो लोग अजीब तरह से ज़िंदगी जीना चाहते हैं। हंसी आती है ऐसे लोगों पर जो वक्त से …
खोया हुआ पर्स वापस पाकर कनक ये सोचने पर मजबूर हो गई कि ईमानदार लोग आज भी हैं। पर्स वापस पाना उसके लिए अविश्वसनीय था, उस…
हमारी परंपरा रही है हमेशा से, कि हर जिम्मेदारी को पूरा करना स्त्रियों के हिस्से में ही आती है, ऐसा क्यों है? सम…
आज भी रोज के समय पर ही दिन निकला है। लेकिन रोज सुबह सैर के लिए जाने वाली दीपिका अब तक बिस्तर से नही उठी थी। मां की आवाज…